101 करोड़ की लागत, शाही सजावट: पीएम मोदी का सपना बन रहा हकीकत

सागर: मध्य प्रदेश के सागर में देश का सबसे बड़ा और भव्य संत रविदास मंदिर और संग्रहालय बनाया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है. यह मंदिर और संग्रहालय 101 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है. इस मंदिर का लगभग 70 प्रतिशत तक कार्य पूरा हो चुका है. मंदिर का आकार दूर से नजर आने लगा है. इसका भूमिपूजन 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था और अगस्त 2025 में इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है.
12 एकड़ भूमि में संत रविदास मंदिर
संत रविदास के विचार, दर्शन और आध्यात्म को एक परिसर में स्थान देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार इस मंदिर और संग्रहालय का निर्माण कर रही है. ईश्वर की एकरूपता, समानता और सामाजिक भेदभाव को मिटाने के संदेश के साथ मंदिर और संग्रहालय का निर्माण 12 एकड़ भूमि में 101 करोड़ की राशि से किया जा रहा है, जो संत रविदास के देश विदेश के अनुयायी, भक्तों और श्रृद्धालुओं के लिए आकर्षक का केंद्र होगा.
लाल पत्थरों से बन रहा भव्य मंदिर
राजस्थान के धौलपुर के वंशीपहाडपुर के लाल पत्थरों से देश का सबसे बड़ा संत रविदास मंदिर आकार लेने लगा है. इसका करीब 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा बनाए जा रहे भव्य मंदिर की ऊंचाई 66 फीट होगी. मंदिर के गर्भगृह में बिना लोहे के केवल पत्थर, रेत और गिट्टी का प्रयोग कर भव्य और दिव्य स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है.
संत रविदास मन्दिर एवं संग्रहालय
सागर के मकरोनिया नगर पालिका के बड़तूमा के नजदीक इस मंदिर का निर्माण हो रहा है. 12 एकड़ के परिसर के बीचोंबीच 5500 वर्ग फीट में नागर शैली में मुख्य मंदिर बनाया जा रहा है, जिसमें सुंदर और आकर्षक गर्भगृह,अंतराल मंडप और अर्धमंडप का निर्माण हो रहा है. परिसर में संत रविदास के जीवन का वर्णन दीवार पर कलाकृति (म्युरल स्कल्प्चर) के माध्यम से किया जाएगा. दो भव्य प्रवेश द्वार के अलावा विशाल वाहन पार्किंग की व्यवस्था होगी.
इंटरप्रिटेशन म्यूजियम
संत रविदास के दर्शन को प्रदर्शित करने के लिए व्याख्या संग्रहालय (इंटरप्रिटेशन म्यूजियम) का निर्माण किया जा रहा है. म्यूजियम का कुल क्षेत्रफल 14 हजार वर्गफीट होगा, जिसमें संत रविदास के जीवन, दर्शन, पंथ और साहित्य से जुड़ी चार गैलरी बनाई जा रही हैं.
संत रविदास संग्रहालय में होगा विशाल जलकुंड
संत रविदास संग्रहालय में प्रवेश करते ही दर्शनार्थियों को विशाल जलकुंड नजर आएगा. जिसके चारों तरफ शानदार बगीचा होगा, जिसमें विशेष प्रजाति के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे. जलकुंड में आकर्षक नक्काशी के साथ संत रविदास के दर्शन और जीवन से जुड़ी मनोहारी मूर्तियां स्थापित होगी. जलकुंड के आसपास दर्शकों के घूमने के लिए काफी बड़ा गलियारा बनाया जा रहा है.